बुधवार, 11 अक्टूबर 2023

श्री राम सेवा समित एवम कानपुर प्रेस।क्लब के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत के आज चौथे दिन में भक्तो ने कथा का आनंद। लिया

 










श्रवण गुप्ता


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श्री राम सेवा समिति एवं कानपुर प्रेस  क्लब के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का का आज चतुर्थ दिवस श्री नंदोत्सव के साथ सम्पन्न हुआ कथा का प्रारंभ करते हुए कथा व्यास पंडित दीपक कृष्ण जी महाराज ने बताया कि जीवन में यदि कोई व्यक्ति कभी कोई छोटा सा भी पुण्य का कार्य करता है तो उसे उसका फल अवश्य प्राप्त होता है यह बात हमें भगवान के मत्स्य अवतार से से सीखने को मिलती है। अमरीश जी ने अपने जीवन में एकादशी का व्रत किया जिसके उद्यापन के अवसर पर जब दुर्वासा ऋषि ने अज्ञानवश राजा अमरीश को मारने के लिए कृतया नाम की राक्षसी उत्पन्न कर दी तब अंबरीश जी ने भगवान की शरण ग्रहण करी और भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से कृत्य का वध कर दिया और यही सुदर्शन चक्र दुर्वासा जी के पीछे लग गया तब दुर्वासा जी सबके पास गए परंतु उनकी सहायता करने को कोई नहीं तैयार हुआ तब भगवान नारायण के द्वारा उन्हें अमरीश के पास भेजा गया इस कथा से भगवान ने अपने भक्त की महिमा को प्रकट किया भगवान कहते हैं कि मैं भक्ति के आधीन रहता हूं। यदि हमारे मन का संकल्प पक्का हो तो हम कुछ भी संभव कर सकते हैं भागीरथ जी के बाबा जी  महाराज अंशुमान भागीरथ जी के पिताजी महाराज दिलीप भी जिस कार्य को नहीं कर पाए वह कार्य महाराज भागीरथ ने कर दिखाया और गंगा जी को प्रथ्वी पर ले आए । रामावतार की कथा का वर्णन करते हुए महाराज श्री ने बताया कि प्रभु श्री राम का अवतार जीवन में मर्यादा की शिक्षा देने वाला है भाई को भाई के साथ,बहु को सास के साथ, पुत्र को पिता के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए यह हमें राम कथा सिखाती है जिन राम जी का प्रातः काल राज्याभिषेक होने जा रहा था उन्ही राम जी को जब प्रातः वनवास जाने का समाचार प्राप्त हुआ फिर भी राम जी के मनोस्थिति पर कोई अंतर नही हुआ ऐसे ही हमें भी सदैव सम रहना चाहिए और सदैव अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपना जीवन यापन करना चाहिए। जब जब पृथ्वी पर पाप बढ़ता है और पृथ्वी पाप के बोझ से व्याकुल हो जाती है तब भगवान अवतार लेकर पृथ्वी को पाप से मुक्त करते हैं महाराज उग्रसेन का पुत्र कंस महापापी है इसने अपनी चचेरी बहन देवकी का विवाह वसुदेव के साथ तय किया और विदाई के समय देवताओं ने आकाशवाणी कर बताया कि इनके गर्भ से उत्पन्न होने वाली आठवीं संतान तुम्हारा काल होगी कंस ने वासुदेव और देवकी को कारागार में डाल दिया और एक-एक करके इनकी 6 संतानों का वध कर दिया सातवें में शेषनाग जी आए और योग माया के द्वारा उन्हें खींचकर मैया रोहिणी के गर्भ में स्थापित कर दिया गया और आठवीं संतान के रूप में स्वयं प्रभु पधारे महाराज वासुदेव उन्हें बाबा नंद के यहां गोकुल में छोड़ा है जहां धूमधाम से नंदोत्सव मनाया गया कथा के मध्य भी आज भक्तों ने झूम झूम कर नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की जीत पर नृत्य करते हुए नंद उत्सव मनाया गया।      इस अवसर पर ‌राम सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनोज बाजपेई, रजत बाजपेई,  दिनेश तिवारी, विपिन दीक्षित, खूब चंद गुप्ता, राहुल पांडे, दिवांशू वर्मा, आदि भक्त उपस्थित रहे

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