जौनपुर| राष्ट्रीय हिंदी समाचार पत्र दैनिक राष्ट्र साक्षी के क्रांतिकारी संपादक तथा क्रांतिकारी पत्रकार परिषद के केंद्रीय प्रमुख अनुज दुबे के पुत्र किशन का करीब 1 महीने पहले नई गंज स्थित प्रकाशन मुख्यालय से हुआ था किंतु 30 नवंबर की शाम करीब 6:00 बजे एक बार फिर किशन का अपहरण करके अपहरणकर्ता ने सीधे खुलेआम प्रशासन को चुनौती दी है। दोबारा अपहरण करने का तात्पर्य कि चाहे जो भी करो इस मामले में कुछ भी होने वाला नहीं। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बिलकुल सख्त हैं लेकिन उनकी मंशा पर पानी फेरने में अराजक तत्व, अपराधी, मानवता के दुश्मन कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
देश के चतुर्थ स्तंभ पर नित्य प्रति हमले होते आ रहे हैं यदि चतुर्थ स्तंभ को इसी प्रकार से लगातार ढहाए जाने का प्रयास होता रहेगा तो देश की लोकतंत्र की नींव पूरी तरह से हिल जाएगी और व्यवस्थापिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका सरकार के अहम स्तंभ भी पूरी तरह से मजबूत नहीं रह सकते हैं क्योंकि देश का चतुर्थ स्तंभ मीडिया इन सभी सरकार के महत्वपूर्ण अंगों का पूरक है जिसकी बदौलत समाज में स्वस्थ समाज तथा स्वस्थ लोकतंत्र की कल्पना की जा सकती है अन्यथा चतुर्थ स्तंभ के ढह जाने से देश में पारदर्शी लोकतंत्र का निर्माण नहीं हो सकता और इसका दूरगामी परिणाम बिल्कुल भयावह साबित होगा। यह बात ध्यान देने योग्य है कि संपादक के पुत्र ने पुलिस के सामने कोतवाली में बयान दिया था जिसने अपहरण किया था नामजद एफआईआर भी दर्ज हुई थी जिसमें राजेश पुत्र हीरालाल, नाटे, सोनू पुत्र राजेंद्र, विनोद तथा अजय कुमार आदि लोगों के नाम शामिल थे लेकिन अभी तक उन सब की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई इससे अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है और ताबड़तोड़ अपराध को अंजाम देने में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं। देश में स्वस्थ लोकतंत्र के निर्माण में मीडिया के ऊपर हमला संविधान के ऊपर हमला है। एक क्रांतिकारी संपादक को निष्पक्ष खबरें प्रकाशित करने का नतीजा भुगतना पड़ रहा है जिसका परिणाम है कि उनके पुत्र का अपहरण हो गया। पुलिस हाथ पर हाथ रखे सरेआम तमाशा देख रही है और इस तरह से सो रही है कि जैसे उनका कोई उत्तरदायित्व ही नहीं है और उन्हें अपने कर्तव्य से कोई लेना देना नहीं है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां प्रदेश में सुशासन, जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं और छाती ठोक कर दावा करते हैं कि अपराधी बिल में दुबक गए हैं, भूमिगत होने का दावा करते हैं, अपराधियों को जेल भेजने की बात करते हैं ठीक वहीं अपराधी शासन प्रशासन को अपराधिक अंजाम देकर खुलेआम ताल ठोकते दिखाई दे रहे हैं जैसे वह शासन प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे। शाम करीब 6 बजे से देर रात तक परिजनों ने खोजबीन की किंतु खोजने में सफल ना होने पर पुलिस अधीक्षक जौनपुर और चौकी इंचार्ज को फोन करके घटना की जानकारी दी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें