यूपी के जौनपुर में छात्र संगठन- ए.आई.डी.एस.ओ तथा युवा संगठन- ए.आई.डी.वाई.ओ तथा महिला संगठन- ए.आई.एम.एम.एस की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटियों के संयुक्त आह्वान पर आज महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जी की 84 वीं स्मृति दिवस के अवसर पर - हाथरस बलरामपुर सहित देशभर में हुई अमानवीय कृत्य और तेजी से बढ़ रहे रेप, गैंगरेप, हत्या,अपहरण, महिलाओं की असुरक्षा, अश्लीलता व शराबखोरी और महंगी होती शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020, सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण, सरकारी नौकरियों में 5 साल की संविदा प्रक्रिया का प्रस्ताव तथा उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) का गठन करने के खिलाफ राज्यव्यापी आनलाईन प्रतिवाद दिवस आयोजित किया गया।
इस मौके पर छात्र संगठन- AIDSO के राज्य सचिव- दिलीप कुमार, युवा संगठन- AIDYO के राज्य सचिव- मकरध्वज तथा महिला संगठन- AIMSS की राज्य सचिव- वन्दना सिंह ने संयुक्त रूप से मांग किया कि- हाथरस, बलरामपुर व प्रदेश भर में दरिंदगी की शिकार हुई बेटियों को न्याय दो, प्रदेश भर में हुए रेप कांड व हत्या की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों को उदाहरण मूलक कठोर सजा दो, महिलाओं को सुरक्षा की गारंटी दो, अश्लील फिल्म, गन्दे गाने व साहित्य, पोर्न वेबसाइट्स, शराबखोरी पर रोक लगाओ, राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 रद्द करो, सरकारी नौकरी में 5 साल की संविदा प्रक्रिया का प्रस्ताव वापस लो, उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) का गठन रद्द करो, खेती के तीनों काले कानूनों को रद्द करो।
जनता सरकार से जानना चाहती है, कि ऐसी जघन्य घटनाएं बार-बार दोहराई क्यों जा रही है ? महिलाओं-छात्राओं की सुरक्षा की गारंटी क्यों नहीं है ? भाजपा की देश और प्रदेश की सरकार एक तरफ जहां "बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ" "रामराज्य" "अच्छे दिन" "सबका साथ- सबका विकास" का सिर्फ नारे लगा रही है, वहीं दूसरी तरफ अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ता जा रहा है कि अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में उनके मन में कोई खौफ ही नहीं रह गया है। हाथरस, बलरामपुर सहित प्रदेशभर में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं ने कानून व्यवस्था व सरकार की नाकामी को उजागर कर दिया है। राजनेताओं, अपराधियों और पुलिस प्रशासन के गठजोड़ निरंतर मजबूत होते जा रहे हैं और अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कहीं भी कोई सामाजिक सुरक्षा की गारंटी नहीं है। इतनी भयावह परिस्थितियां होने के बावजूद सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कक्षा-9 से यौन शिक्षा पढ़ाने के माध्यम से विद्यार्थियों के नैतिक व चारित्रिक रीढ़ को तोड़ने की नापाक साजिश रच दिया है, साथ ही शिक्षा के निजीकरण व्यापारीकरण साम्प्रदायीकरण व केन्द्रीयकरण को बढ़ावा दे रही है। कोरोना महामारी की संकटग्रस्त परिस्थितियों में सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों का धड़ल्ले से निजीकरण कर रही है। सरकारी नौकरी में 5 साल की संविदा प्रक्रिया का प्रस्ताव लाकर सरकारी व निजी क्षेत्र के अन्तर को खत्म कर रही है। जन विरोधी UPSSF का गठन कर के जनता के संवैधानिक अधिकारों को छीन रही है। सरकार के तथाकथित रामराज्य में तानाशाही और जंगलराज कायम है। समाज के न्याय प्रिय छात्र नौजवान व महिलाएं सरकार के जनविरोधी रवैये से गुस्से में है। इसलिए आज वक्त की जरूरत है कि इस गुस्से को और एक बड़े पैमाने पर दीर्घस्थायी जन आन्दोलन में बदला जाए।
इस अवसर पर जौनपुर जिले के पहितियापुर, खजुरन, सिंगरामऊ, बर्रैयां, कुशहां, मल्लूपुर, बदलापुर, ऊदपुर गेल्हवा, मुरादपुर, महराजगंज, सराय पड़री, विभिन्न क्षेत्रों में जगह जगह छात्र युवा महिलाओं ने पोस्टर प्लेकार्ड लेकर अपनी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और सरकार से जनहित में मांग किया गया। कार्यक्रम में मुंशी प्रेमचंद की फोटो पर पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।
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