बाँदा| वैसे तो हिन्दुओं का सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक दशहरा है। यह त्यौहार सत्य की असत्य पर जीत पर आधारित है। इस त्यौहार का जश्न बच्चो से लेकर वयस्क लोग मनाते है। पूरे देश में लोग इसे ख़ुशी और उल्लास से मनाते है। यह उत्सव दिवाली के कुछ हफ्ते पहले आता है।
दशहरा उत्सव को नौ दिनों के नवरात्रि के बाद, दसवे दिन में मनाया जाता है। इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा श्रद्धा के साथ की जाती है। दशहरे के दिन को बंगाल में विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार लोगो तक यह सन्देश पहुंचाता है, चाहे जो कुछ भी हो जाए, सही और गलत की इस लड़ाई में जीत हमेशा सत्य की होती है।
दशहरा को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं है। श्रीराम ने सीता मैय्या को छुड़वाने के लिए रावण से लड़ाई की थी। रावण ने सीता माता का अपहरण किया था। भगवान श्रीराम हनुमान और वानर सेना की मदद से लंका पहुंचे और उन्होंने रावण के साथ युद्ध किया। उन्होंने रावण को ना केवल पराजित किया, बल्कि देवी दुर्गा के आशीर्वाद से उनका वध किया।
सीता माता को वापस श्रीराम अयोध्या ले आये। राम के इस जीत को लोग दशहरा के रूप में मनाते है। रावण को पराजित करने के लिए राम ने देवी दुर्गा की कई दिनों तक पूजा अर्चना की थी। उन्होंने 108 कमलो के संग पूजा की थी।
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