धरती पर जीवन को बचाए रखने के लिए पृथ्वी की प्राकृतिक सम्पदा को बनाए रखना बेहद जरूरी है,इस भौतिक जीवन की चकाचौंध में प्राकृतिक संसाधनों का मानव निर्दयतापूर्वक उपयोग करने में लगा है। विश्व पृथ्वी दिवस के पचास वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रसिद्ध समाजसेवी एवं पर्यावरणविद तथा इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गनाइजेशन के प्रदेश प्रभारी डॉ रविन्द्र कुमार राणा ने लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए आज अकेले ही वृक्षारोपणकर विश्व पृथ्वी दिवस मनाया।
इस अवसर पर उन्होंने देश वासियों से अपने जीवन में पर्यावरण को बचाने तथा स्वच्छता अपनाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि वे प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का दोहन न करें बल्कि पर्यावरण संरक्षण पर भी पूरा ध्यान दें। डॉ रविन्द्र कुमार राणा ने बताया कि पवित्र धरती मां द्वारा प्रदान की गईं प्राकृतिक संपदाओं को बचाने के लिए आज से पचास वर्ष पूर्व सन 1970 में विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की इसलिए शुरुआत की गई थी कि धरती पर बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने तथा धरती मां की प्राकृतिक संपदाओं का दोहन रोका जा सके। कोराना महामारी जैसी आपदा से सबक लेने तथा प्रकृति से खिलवाड़ न करने की नसीहत देते हुए डॉ रविन्द्र कुमार राणा ने कहा कि हमें धरती पर बढ़ते विविध प्रदूषणों को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए तथा प्लास्टिक थैलों, प्लास्टिक से बने पदार्थ आदि के धड़ल्ले से हो रहे उपयोग पर सख्ती से प्रतिबंध लगाने के प्रयासों में समाज के लोगों की महती भूमिका हो सकती है। हम सब देशवासियों को धरती को स्वच्छ बनाने के संकल्प के माध्यम से धरती पर बढ़ते विविध प्रदूषणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
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